हमारे बारे में
6 जनवरी 1984 को “गुलबर्गा की संपत्ति” नामक दीर्घा तथा एक छोटे विज्ञान पार्क के साथ ज़िला विज्ञान केंद्र जनासाधारण के लिए खोला गया था । यह रा.वि.सं.प. (भारत सरकार) के अधीन कार्यरत है तथा कलबुरगी ज़िला तथा हैदराबाद व कर्नाटक क्षेत्र के जिलों के लिए विभिन्न शिक्षा-विस्तारक कार्यक्रमों के द्वारा विज्ञान के प्रचार-प्रसार में प्रयासरत है। प्राचीन बाहमनी राज्य का मुख्यालय कलबुरगी, ऐतिहासिक स्मारकों तथा कला एवं संस्कृति को मिलाकर अपने अतुल्य आकर्षणों के साथ वर्तमान में एक दर्शनीय स्थल बन गया है । परंपरागत विशिष्टता के इस भूभाग पर स्थित जिला विज्ञान केंद्र, कलबुरगी दर्शकों को हस्तगत परीक्षण, डिजिटल तारामंडल, 3-डी थियेटर, विज्ञान पार्क, डाइनासोर पार्क एवं अनेक अंतरव्यवहृत प्रादर्श दीर्घाओं के द्वारा विज्ञान के ज्ञानार्जन का अनुकूल वातावरण प्रदान करता है। यह केंद्र समाज में वैज्ञानिक अभिरुचि उत्पन्न करने हेतु अनेक सुविधाएँ प्रदान करता है ।
दक्षिण भारत में स्थापित यह देश का पहला ज़िला विज्ञान केंद्र है । वर्तमान में इस केंद्र में मनोरंजक विज्ञान, लोकप्रिय विज्ञान, इलेक्ट्रॉनिक्स व गणित पर दीर्घाएँ हैं । इसके अतिरिक्त विज्ञान केंद्र में दर्पण भूलभुलैया, डिजिटल तारामंडल, 3-डी थियेटर, विज्ञान उद्यान व डाइनासोर उद्यान आदि भी हैं । आकाश अवलोकन सुविधा के साथ डिजिटल तारामंडल ब्रह्मांड के आश्चर्यों को समझने मे दर्शकों की सहायता करता है । यह केंद्र सन 1990 से हैदराबाद कर्नाटक क्षेत्र के भीतरी इलाकों में आम आदमी तक विज्ञान के संदेश को विस्तारित करने हेतु भ्रमणशील विज्ञान प्रदर्शनी का प्रचालन भी करता है ।
इस केंद्र के कार्यकलापों में विज्ञान व प्रौद्योगिकी पर समाज के विभिन्न समूहों के लिए सामुदायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम, शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम, ग्रामीण विज्ञान कैंप व कार्यशाला, सृजनात्मक क्षमता केंद्र, विज्ञान मेला, विज्ञान व प्रौद्योगिकी के विभिन्न विषयों पर लोकप्रिय विज्ञान व्याख्यान, विज्ञान प्रदर्शन व्याख्यान, संस्मरणात्मक दिवस, आकाश अवलोकन कार्यक्रम, अस्थाई प्रदर्शनियाँ, प्रश्नमंच, विज्ञान सेमिनार आदि सम्मिलित हैं ।